महाकुंभ विशेष: संगम किनारे लेटे हनुमानजी की अनोखी कहानी

प्रयागराज, जिसे गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम के लिए जाना जाता है, केवल नदियों का संगम नहीं है, बल्कि अध्यात्म, पौराणिकता और संस्कृति का केंद्र भी है। संगम तट पर स्थित लेटे हनुमानजी का मंदिर इस पवित्र नगरी की एक अनोखी पहचान है। यह मंदिर अपनी अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि यहां हनुमानजी की विशाल प्रतिमा लेटी हुई अवस्था में है, जो किसी अन्य स्थान पर देखने को नहीं मिलती।

पौराणिक कथा: थके हनुमानजी का विश्राम

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, लंका विजय के बाद हनुमानजी अत्यधिक थक गए थे। सीता माता ने उन्हें आराम करने का निर्देश दिया और प्रयागराज के संगम क्षेत्र को इसके लिए उचित स्थान बताया। माना जाता है कि हनुमानजी ने संगम किनारे विश्राम किया, और उसी स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए यहां उनकी लेटी हुई प्रतिमा स्थापित की गई।

मंदिर का निर्माण और विशेषताएं

19वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर अपनी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहां हनुमानजी की लेटी हुई विशाल प्रतिमा के साथ कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं। मंदिर में श्रद्धालु एक अनोखी विशेषता का अनुभव करते हैं—हनुमानजी की प्रतिमा के पास से गुजरती जलधारा। यह जलधारा संगम स्नान के बाद मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पवित्रता और दिव्यता का अनुभव कराती है।

श्रद्धालुओं के लिए महत्व

महाकुंभ या अन्य स्नान पर्वों के दौरान लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के बाद इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। मान्यता है कि संगम स्नान और लेटे हनुमानजी के दर्शन से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

महाकुंभ के संदर्भ में मंदिर की भूमिका

महाकुंभ मेले के दौरान, यह मंदिर श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक यात्रा का एक अहम पड़ाव बनता है। संगम में डुबकी लगाने के बाद भक्त यहां आकर हनुमानजी के दर्शन करना अपनी यात्रा का पूर्णता स्वरूप मानते हैं।

अंतर्मन का संगम

प्रयागराज का संगम केवल तीन नदियों का संगम नहीं है, बल्कि यह आत्मा, धर्म और प्रकृति का संगम भी है। लेटे हनुमानजी का मंदिर इस आध्यात्मिक संगम को साकार करता है। यह केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भक्तों के लिए आत्मिक शांति का स्थान भी है।

तो अगली बार जब आप महाकुंभ या किसी अन्य अवसर पर प्रयागराज जाएं, तो संगम स्नान के बाद लेटे हनुमानजी के दर्शन करना न भूलें। यह अनुभव न केवल आपकी आस्था को सुदृढ़ करेगा, बल्कि आपको एक नई ऊर्जा और शांति प्रदान करेगा।

सुमन शर्मा

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