प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर कतर के अमीर का स्वागत किया: भारत-कतर संबंधों में नई मजबूती

नई दिल्ली: भारत और कतर के द्विपक्षीय संबंधों में एक और महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी का स्वागत करने के लिए प्रोटोकॉल तोड़ते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर व्यक्तिगत रूप से पहुंचकर उनका स्वागत किया। यह स्वागत न केवल भारत-कतर संबंधों को मजबूत करने का संकेत था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी कितनी महत्वपूर्ण है।

 

भारत-कतर संबंधों की नई परिभाषा

 

प्रधानमंत्री मोदी और अमीर शेख तमीम के बीच यह मुलाकात कई मायनों में खास थी। कतर, जो कि भारत के लिए ऊर्जा आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, के साथ मोदी सरकार की करीबी रणनीतिक भागीदारी रही है।

 

इस मुलाकात के पीछे की प्रमुख पृष्ठभूमि पिछले वर्ष की घटनाओं से जुड़ी है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने दोहा की यात्रा के दौरान आठ भारतीय नौसेना अधिकारियों की रिहाई के लिए कतर के अमीर को धन्यवाद दिया था। यह मामला भारत के लिए संवेदनशील था और कूटनीतिक प्रयासों के बाद इन अधिकारियों की सुरक्षित वापसी संभव हो सकी थी।

प्रोटोकॉल तोड़ने का अर्थ

 

आमतौर पर इस स्तर की यात्राओं में स्वागत की औपचारिक प्रक्रिया विदेश मंत्रालय के अधिकारियों या कैबिनेट मंत्रियों द्वारा निभाई जाती है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं एयरपोर्ट पर जाकर कतर के अमीर का स्वागत किया। इससे यह साफ होता है कि भारत कतर के साथ अपने संबंधों को किस हद तक प्राथमिकता देता है।

 

यह कदम न केवल दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत सौहार्द्र को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि भारत खाड़ी देशों के साथ अपने संबंधों को और अधिक गहराई देने के लिए तत्पर है।

 

भारत-कतर सहयोग के नए आयाम

 

भारत और कतर के बीच व्यापारिक और ऊर्जा सहयोग लंबे समय से मजबूत रहा है। कतर भारत को बड़ी मात्रा में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) की आपूर्ति करता है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच रक्षा, निवेश, शिक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।

 

प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल भारत-कतर सहयोग को और विस्तार देने के संकेत देती है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भारत अपनी विदेश नीति में व्यक्तिगत कूटनीति को भी अहम स्थान दे रहा है।

 

कतर के अमीर की इस यात्रा से यह संभावना है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक और रणनीतिक समझौतों को और अधिक विस्तार मिलेगा। ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के अलावा, भारत और कतर नई परियोजनाओं पर काम कर सकते हैं जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचाएंगी।

 

प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम यह दर्शाता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय संबंधों में परंपरागत कूटनीति से आगे बढ़कर व्यक्तिगत संबंधों को भी प्राथमिकता दे रहा है। इससे भारत की वैश्विक छवि को और मजबूती मिलेगी और खाड़ी देशों के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी और सशक्त होगी।

 

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