‘महाराजा’ के ठाठ खत्म? केंद्रीय मंत्री को ही नहीं मिली ढंग की सीट, टाटा की एयर इंडिया सरकारी ढर्रे पर

भोपाल से दिल्ली की फ्लाइट AI436 में केंद्रीय मंत्री को असुविधाजनक सीट, एयर इंडिया प्रबंधन पर उठे सवाल

 

नई दिल्ली। यात्रियों से पूरा किराया वसूलने के बावजूद उन्हें खराब और असुविधाजनक सीटें देने का मामला सामने आया है। ताजा घटना एयर इंडिया की फ्लाइट AI436 की है, जिसमें केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को टूटी हुई सीट आवंटित की गई। इस घटना ने एयर इंडिया की सेवा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

दरअसल केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भोपाल से दिल्ली की यात्रा करनी थी। इस यात्रा के लिए उन्होंने एयर इंडिया की फ्लाइट AI436 में सीट बुक करवाई थी, जिसमें उन्हें 8C सीट आवंटित हुई। जब वे विमान में अपनी सीट पर पहुंचे और बैठने का प्रयास किया, तो पाया कि सीट अंदर धंसी हुई थी और बैठने के लिए असुविधाजनक थी।

 

उन्होंने इस बारे में विमानकर्मियों से सवाल किया कि जब सीट खराब थी तो उसे यात्रियों को क्यों बेचा गया? इस पर विमानकर्मियों ने बताया कि एयरलाइन प्रबंधन को पहले ही इसकी सूचना दे दी गई थी कि यह सीट खराब है और इसे यात्रियों को नहीं बेचना चाहिए। लेकिन इसके बावजूद सीट आवंटित कर दी गई।

 

इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विमान में सिर्फ एक ही नहीं, बल्कि कई ऐसी सीटें थीं जो खराब थीं। शिवराज सिंह चौहान को सहयात्रियों ने आग्रह किया कि वे किसी और अच्छी सीट पर बैठ जाएं, लेकिन उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया कि वे अपनी सुविधा के लिए किसी अन्य यात्री को असुविधा में नहीं डाल सकते।

 

शिवराज सिंह चौहान ने इस पूरी घटना को लेकर कहा,

“मेरी धारणा थी कि टाटा समूह द्वारा एयर इंडिया का प्रबंधन संभालने के बाद सेवाओं में सुधार हुआ होगा, लेकिन यह भ्रम निकला।”

 

उन्होंने सवाल उठाया कि जब यात्रियों से पूरा पैसा लिया जाता है, तो फिर उन्हें खराब सीटों पर क्यों बैठाया जाता है? क्या यह यात्रियों के साथ धोखा नहीं है?

 

एयर इंडिया के निजीकरण के बाद उम्मीद की जा रही थी कि सेवा में सुधार होगा, लेकिन इस घटना ने यात्रियों के मन में नए संदेह खड़े कर दिए हैं। क्या एयर इंडिया प्रबंधन यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा, या फिर इस तरह की लापरवाहियों पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाएगा?

 

यात्रियों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं अगर लगातार होती रहीं, तो एयर इंडिया की विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा। अब देखना होगा कि एयर इंडिया प्रबंधन इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया देता है और आगे ऐसी समस्याओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

 

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