तिहाड़ जेल में कैद रहने के दौरान सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय को विशेष सुविधाएं दी जाती थीं। जेल अधीक्षक के अनुसार, उनकी कोठरी में रोज़ाना कई एयरहोस्टेस आती थीं और शराब तक पहुंचाई जाती थी। अधिकारियों ने जब शराब जब्त की, तो इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली सरकार के तहत आने वाले जेल प्रशासन ने इस मुद्दे पर आंखें मूंद लीं। तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, बल्कि इस मामले को उजागर करने वाले अधिकारी को ही रिटायरमेंट के दिन चार्जशीट थमा दी गई!
क्या वीआईपी कैदियों के लिए तिहाड़ जेल वास्तव में जेल है या एक विशेष आरामगाह? इस खुलासे ने जेल प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए
हैं।