अगर आपकी शादी में 10 से ज्यादा लोग डांस कर रहे होते, तो पुलिस दूल्हे समेत सबको गिरफ्तार कर सकती थी! सोचिए, बारात निकली नहीं कि थाने पहुंच गई! जी हां, ये कोई बॉलीवुड फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि अंग्रेजों के जमाने का असली कानून था, जो 75 साल तक भारत में मजे से चल रहा था।
कानून का नाम सुनकर ही हंसी आएगी—’ड्रामेटिक परफॉरमेंस एक्ट, 1876’।
अंग्रेजों ने ये कानून इसलिए बनाया था कि कहीं भारतीय “नाच-गाकर आज़ादी न मांग लें!” लेकिन आज़ादी के 75 साल बाद भी हमारे नेता इसे शायद भूल गए थे। मतलब, अगर आपकी बारात में जोर-जोर से “मेरा यार बना है दुल्हा” बजा, तो पुलिस कह सकती थी—’चलो भाई, थाने चलो!’
मोदी सरकार आई, बारात बचाई!
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कानून को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा—“अब कोई भी अपनी शादी में नाच-गाने के लिए परमिशन लेने नहीं जाएगा, और न ही पुलिस बारात रोकने आएगी!” ये सुनकर देशभर के डांस लवर्स की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
दूल्हे के लिए खास राहत!
इस कानून के हटने से सबसे ज्यादा राहत दूल्हों को मिली है। पहले अगर बारात में डांस ज्यादा हो गया, तो दूल्हे समेत पूरी मंडली सलाखों के पीछे जा सकती थी। लेकिन अब ‘नाचे जो सावन, बरसे पानी’ गाने पर बिना किसी टेंशन के डांस किया जा सकता है!
थाने में बारात का सीन कैसा होता?
सोचिए, पुलिस स्टेशन में एक दूल्हा, शेरवानी में, सिर पर सेहरा बांधे खड़ा है। बगल में डीजे वाला भी बैठा है, हाथ में पेन-ड्राइव लिए। दुल्हन के भाई से पुलिस पूछ रही है—“तुमने बिना लाइसेंस के नाचने की हिम्मत कैसे की?” और जवाब आता—“सर, गलती हो गई, अगली बार नहीं नाचेंगे!”