नई दिल्ली: कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया है, जिससे राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया में भूचाल आ गया है। उन्होंने कहा कि गणित की उत्पत्ति इस्लाम से हुई और यह कि “इस्लाम एक बहुत ही वैज्ञानिक और प्रगतिशील धर्म है, जो भविष्य के बारे में सोचता है।” उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर आलोचनाओं की बाढ़ आ गई। लोगों ने कांग्रेस पर इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। यह वही शमा मोहम्मद हैं, जिन्होंने कुछ समय पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा को मोटा कहकर उनका अपमान किया था। अब उनके नए बयान ने एक और विवाद खड़ा कर दिया है।
क्या गणित इस्लाम से आया? जानिए ऐतिहासिक सच
शमा मोहम्मद का दावा न सिर्फ ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत है, बल्कि यह भारतीय विद्वानों और वैज्ञानिकों के योगदान को भी नजरअंदाज करता है। गणित का विकास प्राचीन भारत, ग्रीस, मिस्र और चीन में हुआ था। भारत में आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, भास्कराचार्य जैसे गणितज्ञों ने शून्य, दशमलव, बीजगणित और त्रिकोणमिति का विकास किया। “इस्लाम से गणित आया” जैसा दावा अकादमिक रूप से निराधार है। इस्लामिक स्वर्ण युग (8वीं से 14वीं शताब्दी) में अरब गणितज्ञों ने भारतीय और ग्रीक गणित का अध्ययन किया और उसे आगे बढ़ाया, लेकिन गणित की “उत्पत्ति” इस्लाम से जोड़ना सरासर गलत है। अल-ख्वारिज़मी जैसे विद्वानों ने भारतीय अंक प्रणाली और बीजगणित पर काम किया, लेकिन यह प्रणाली पहले से ही भारत में विकसित हो चुकी थी।
राजनीतिक तुष्टिकरण या अज्ञानता?
शमा मोहम्मद के इस बयान को कई लोग कांग्रेस की “तुष्टिकरण नीति” से जोड़कर देख रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस के कई नेताओं ने इस तरह के विवादास्पद बयान दिए हैं:
“अल-कायदा का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन हिंदू आतंकवाद होता है।” – दिग्विजय सिंह,
“भगवा आतंकवाद” – पी. चिदंबरम,
“हिंदू संगठनों से देश को खतरा है।” – राहुल गांधी।
ऐसे में कांग्रेस प्रवक्ता का यह बयान कहीं न कहीं उसी राजनीतिक नैरेटिव को आगे बढ़ाने की कोशिश लगता है।
सोशल मीडिया पर बवाल
शमा मोहम्मद के इस बयान पर सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया आ रही है। ट्विटर पर #ShamaMohammed ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग कांग्रेस पर जमकर निशाना साध रहे हैं।
शमा मोहम्मद का पुराना रिकॉर्ड
यह पहली बार नहीं है जब शमा मोहम्मद ने इस तरह का विवादास्पद बयान दिया है। कुछ महीने पहले ही उन्होंने क्रिकेटर रोहित शर्मा को “मोटा” कहकर उनका अपमान किया था। उनके इस बयान की भी जमकर आलोचना हुई थी। अब एक बार फिर, उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है, जिसे ऐतिहासिक तथ्यों से जोड़ पाना मुश्किल है।
क्या कांग्रेस सफाई देगी?
इस पूरे विवाद पर कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन यह साफ है कि कांग्रेस की प्रवक्ता के इस तरह के बयान न केवल पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि यह उनके ऐतिहासिक और वैज्ञानिक ज्ञान पर भी सवाल खड़े करते हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस बयान पर कोई सफाई देती है या फिर हमेशा की तरह चुप्पी साधे रहती है।