उत्तराखंड

कैबिनेट मंत्रियों के सामने वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने की चुनौती, लोकसभा चुनाव में बीजेपी का जीत का क्या प्लान

उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्रियों को अपने किले में ही पिछले लोकसभा चुनाव के रिकार्ड को ध्वस्त करने की बड़ी चुनौती है। मंत्रियों को इसे कायम ही नहीं रखना है बल्कि उनकी असली परीक्षा पिछले चुनाव में मिले मतों के अंतर को बढ़ाना भी है।

भाजपा ने पांचों संसदीय सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है, जबकि कांग्रेस के हरिद्वार और नैनीताल-यूएसनगर सीट से प्रत्याशियों की घोषणा होनी बाकी है। पिछले दो लोकसभा चुनावों के अगर विधानसभा वार मिले मतों के आंकड़ें देखें तो भाजपा प्रत्याशियों को बंपर वोट मिले थे, लेकिन यही आंकड़ा विधानसभा के चुनाव में उलट-पलट हो जाता है और जीत-हार का अंतर काफी कम रहता है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को जहां 61.66 तो कांग्रेस को 31.73 फीसदी वोट मिले थे। इसमें संबंधित लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले विधानसभा सीटों में नरेंद्रनगर और ऋषिकेश में भाजपा को पांच गुना तो मसूरी, श्रीनगर, चौबट्टाखाल, सितारगंज में दो गुने से ज्यादा मत मिले थे।

भाजपा ने इस बार प्रत्येक संसदीय सीट पर 75 फीसदी वोट हासिल करने का दावा किया है और इस रणनीति के तहत वह कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों को छोटे-बड़े नेताओं को अपने पाले में शामिल करा रही है। इससे भाजपा को कितना लाभ मिलेगा यह तो आगे समय ही बताएगा, लेकिन इन चुनाव में सबसे बड़ी परीक्षा मंत्रियों की भी होने वाली है।

दरअसल, मौजूदा कैबिनेट मंत्रियों में से सौरभ बहुगुणा को छोड़ दें तो बाकी अन्य भाजपा की पिछली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। अलबत्ता, उस दौरान प्रेमचंद अग्रवाल स्पीकर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, जो अब मंत्रियों के पोर्टफोलियो में दूसरे नंबर पर हैं। लोकसभा चुनाव में मंत्रियों की सीट पर भाजपा प्रत्याशियों को मिलने वाला वोट से उनके परफोरमेंस के साथ ही सरकार के रिपोर्ट कार्ड का भी संकेत देगा।

धामी जीते थे 93 फीसदी वोटों से
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी खटीमा सीट से हारने के बाद उप चुनाव में चंपावत से रिकार्ड 92.93 वोट से जीते थे। धामी को 58258 वोट मिले थे जबकि प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी सिर्फ 3233 वोट हासिल कर पाई थी।

चार विस सीटों पर था 10 हजार से ज्यादा का अंतर
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में चार मंत्रियों की सीट पर भाजपा अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशियों से 10 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की। इनमें सबसे ज्यादा ऋषिकेश से 19057 वोट से जीत हुई जबकि मसूरी से 15325, चौबट्टाखाल से 11430 और सितारगंज से 10938 के अंतर से भाजपा प्रत्याशी विजयी रहे। वहीं श्रीनगर में सबसे कम 587, नरेंद्रनगर में 1798 और सोमेश्वर सीट पर 5293 मतों का अंतर रहा था।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में विधानसभा वार भाजपा और कांग्रेस को मिले मत
विधानसभा सीट मंत्री भाजपा          कांग्रेस
चौबट्टाखाल सतपाल महाराज 26039 10743
ऋषिकेश प्रेमचंद अग्रवाल 77588 14369
मसूरी गणेश जोशी 52526 21575
श्रीनगर धन सिंह रावत 34391 17836
नरेंद्रनगर सुबोध उनियाल 37833 7168
सोमेश्वर रेखा आर्या 25030 15728
सितारगंज सौरभ बहुगुणा 55822 28047

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