एक ऐसा दृश्य जिसने पाकिस्तान की सैन्य प्रतिष्ठा की चूलें हिला दीं – भारतीय वायुसेना के सर्जिकल हमले के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को अपनी जान बचाने के लिए बंकर में छिपना पड़ा! CNN-News18 की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ने पाकिस्तानी फौज की ‘लोहे की दीवार’ को शर्मसार कर दिया है।
हमले का केंद्र बना रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस, जो इस्लामाबाद से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित है। खबरों के मुताबिक, भारतीय हमले के बाद वहां हड़कंप मच गया और पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर को आनन-फानन में बंकर में शरण लेनी पड़ी। बताया जा रहा है कि वह पूरे दो से तीन घंटे तक बंकर में दुबके रहे, पूरी तरह से भयभीत और स्थिति की गंभीरता को भांपने में असमर्थ।
इस खबर ने पाकिस्तानी मीडिया और सेना दोनों की चुप्पी साध दी है। पाकिस्तान की ओर से न तो इस हमले की कोई पुष्टि की गई है और न ही इसका खंडन, जिससे ये अटकलें और तेज़ हो गई हैं कि भारत की ओर से की गई कार्रवाई पूरी तरह सटीक और परिणामकारी रही है।
CNN-News18 के अनुसार, भारतीय खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला था कि नूर खान एयरबेस में उच्चस्तरीय सैन्य बैठक चल रही थी। इसी दौरान भारत ने एक सीमित लेकिन प्रभावशाली एयर स्ट्राइक कर पूरे पाकिस्तानी रक्षा तंत्र को हिला दिया।
क्यों है नूर खान एयरबेस इतना संवेदनशील?
नूर खान एयरबेस पाकिस्तान का एक अत्यधिक सुरक्षित और रणनीतिक एयरबेस है, जहाँ से VIP मूवमेंट और मिलिट्री ऑपरेशन्स संचालित होते हैं। यदि यहां हमला हुआ है तो यह सीधे-सीधे पाकिस्तान की संप्रभुता और सैन्य सुरक्षा पर करारा तमाचा है।
सोशल मीडिया पर हड़कंप
जैसे ही ये रिपोर्ट सामने आई, ट्विटर पर #BunkerMunir ट्रेंड करने लगा। भारतीय यूज़र्स ने इसे ‘नई दिल्ली की नई नीति – No Nonsense’ का प्रमाण बताया, तो वहीं पाकिस्तानी यूज़र्स शर्म और गुस्से से बौखलाए नजर आए।
सियासी भूचाल संभव
भारत में इस खबर के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज़ हो गई है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह भारत की ‘न्यू ऐज डिटरेंस पॉलिसी’ का हिस्सा है – जब बात सीमा पार आतंकवाद या खुफिया हरकतों की हो, तो जवाब सीधे और सटीक दिया जाएगा, चाहे वह दुश्मन के गढ़ में घुसकर क्यों न देना पड़े।
सरकार की ओर से क्या आया बयान?
भारत सरकार की ओर से इस खबर पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, परंतु रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने ‘ऑपरेशनल डिटेल्स को गुप्त’ रखने की बात कही है।
तो क्या ये सर्जिकल स्ट्राइक 3.0 थी?
इस सवाल का उत्तर तो समय ही देगा, परंतु एक बात साफ है – भारत अब रणनीतिक चुप्पी के बजाय निर्णायक आक्रामकता की राह पर है, और इसका असर पाकिस्तान की फौज के शीर्ष पर देखा जा रहा है – एक ऐसा देश, जिसका सेना प्रमुख डर के मारे बंकर में छिप जाए – उससे और क्या उम्मीद की जाए?