राज्यसभा में 4 नामित सदस्यों की घोषणा: मोदी सरकार का एक और मास्टरस्ट्रोक!

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को राज्यसभा के लिए चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को नामित किया है, जिनकी नियुक्ति भारतीय राजनीति, विदेश नीति, इतिहास और सामाजिक संघर्ष के विविध पहलुओं का प्रतिनिधित्व करती है। यह निर्णय न केवल मोदी सरकार की रणनीतिक दृष्टि को दर्शाता है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में विचारों की विविधता और प्रतिभा के सम्मान की भी पुष्टि करता है।

✦ कौन-कौन हैं ये चार नामित सदस्य?

1. उज्ज्वल निकम – आतंक के खिलाफ न्याय की आवाज़

देश के सबसे चर्चित और निर्भीक वकीलों में से एक उज्ज्वल निकम ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य आरोपी अजमल कसाब को फांसी दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। उनका यह कदम भारत की न्यायपालिका में दृढ़ इच्छाशक्ति और कानून की सर्वोच्चता का प्रतीक बना। उनका राज्यसभा में प्रवेश न केवल कानूनी क्षेत्र का सम्मान है, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत की प्रतिबद्धता का भी एक मजबूत संकेत है।

2. हर्षवर्धन श्रृंगला – कूटनीति के चाणक्य

पूर्व विदेश सचिव और G20 समिट के मुख्य समन्वयक रहे हर्षवर्धन श्रृंगला को अंतरराष्ट्रीय संबंधों का गहरा अनुभव है। अमेरिका, थाईलैंड और बांग्लादेश में भारत के राजदूत रह चुके श्रृंगला ने प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक नीति को मजबूत करने में अहम योगदान दिया। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति भारत की विदेश नीति को और अधिक परिष्कृत व प्रभावशाली स्वर देगी।

3. डॉ. मीनाक्षी जैन – इतिहास की प्रामाणिक आवाज़

वरिष्ठ इतिहासकार और प्रोफेसर डॉ. मीनाक्षी जैन भारतीय इतिहास के सांस्कृतिक और धार्मिक आयामों पर शोध के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके लेखन में भारतीय सभ्यता की गरिमा और उपेक्षित ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर करने का प्रयास रहता है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति उस वैचारिक संतुलन को स्थापित करेगी, जो भारत के इतिहास और उसकी विरासत को नई दृष्टि देने में सहायक हो सकती है।

4. सी. सदानंदन मास्टर – संकल्प, संघर्ष और सेवा का प्रतीक

केरल के वरिष्ठ भाजपा नेता सी. सदानंदन मास्टर पर 1994 में राजनीतिक हिंसा के दौरान CPM कार्यकर्ताओं ने हमला किया था, जिसमें उन्होंने अपने दोनों पैर गंवा दिए। बावजूद इसके, उन्होंने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया बल्कि बीजेपी को केरल जैसे राज्य में मजबूत करने में भी सक्रिय भूमिका निभाई। उनका मनोबल, सामाजिक संघर्ष और राष्ट्रसेवा के प्रति समर्पण राज्यसभा में नई प्रेरणा लेकर आएगा।


✦ क्या कहती है ये नियुक्ति?

प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर दिखा दिया कि वे केवल राजनीतिक समीकरणों से नहीं, बल्कि राष्ट्रहित और विविधता को केंद्र में रखकर निर्णय लेते हैं। जहां उज्ज्वल निकम कानून की दृढ़ता का प्रतीक हैं, वहीं श्रृंगला अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज़ को मजबूत करेंगे। डॉ. मीनाक्षी जैन वैचारिक और ऐतिहासिक विमर्श को समृद्ध करेंगी, जबकि सदानंदन मास्टर जीवन की कठिनाइयों को मात देकर समाजसेवा का उदाहरण पेश करेंगे।

इन चारों नामों के जरिए मोदी सरकार ने न केवल अपने सामाजिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण को स्पष्ट किया है, बल्कि यह भी जता दिया है कि राज्यसभा में अब और भी तेज, प्रामाणिक और राष्ट्रवादी आवाजें गूंजेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *