उत्तराखंड

पर्चा न खर्चा, सिर्फ चुनावी चर्चा, लोकसभा चुनाव 2024 में क्यों इतना शांत माहौल

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव प्रचार का आखिरी दौर चल रहा है। अभी देहरादून की गलियों में न राजनैतिक दलों के पर्चे ही पहुंचे हैं और प्रचार में चुनावी खर्च भी नजर नहीं आ रहा है। हां, चर्चा इतनी जरूर है कि इस बार चुनाव जोर नहीं पकड़ रहा है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने सोमवार दिन में शहरभर के अलग-अलग हिस्सों में चुनावी माहौल की पड़ताल की।

स्थान चुक्खूवाला, समय दोपहर 12 बजे
चुक्खूवाला की गलियां पिछले चुनाव तक झंडे बैनरों से पटी होती थीं। नुक्कड़ पर बैठकी में चुनावी चर्चा होती थी, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है। स्थानीय निवासी मुकेश कुमार कहते हैं कि चुनाव की चर्चा सिर्फ मोबाइल में दिख रही है।

यहां तो कोई पर्चा लेकर नहीं घूमा है। घर के बाहर बैठे 70 वर्षीय हरिओम बहुगुणा कहते हैं कि इस बार अभी तक लाउडस्पीकर की आवाज तक नहीं सुनाई दी। चुनाव के नाम पर बीएलओ वोटर पर्ची देकर गई है, बाकी कोई माहौल नहीं है।

राजनैतिक दलों की पर्ची भी नहीं पहुंची
स्थान आराघर, समय दोपहर एक बजे

आराघर में आसपास कहीं किसी पार्टी के झंडे बैनर नहीं लगे हैं। दुकान पर बैठे राम प्रसाद पैन्यूली कहते हैं कि अबकी बार तो लग ही नहीं रहा चुनाव हो रहे हैं। रोड शो तक नजर नहीं आया। पहले चुनाव होते थे तो आखिरी दिनों में खूब प्रचार नजर आता था।

स्थानीय निवासी अंकित वर्मा के मुताबिक, घरों में इस बार तो चुनाव की पर्ची तक नहीं पहुंची है। राजनैतिक दलों के पर्चे तक घर-घर नहीं पहुंचे है। अभी प्रत्याशियों के नमूना मतपत्र तक नजर नहीं आए हैं।

ना चुनावी शोर ना किसी का जमावड़ा
स्थान राजेश रावत कॉलोनी समय दोपहर 2 बजे

चुनाव प्रचार चरम पर है। मतदान को केवल चार दिन बचे हैं। लेकिन मोहल्लों में ना चुनावी शोर है। ना नेताओं और समर्थकों का जमावड़ा। राजेश रावत कालोनी चंदर नगर में भी सोमवार को दोपहर के बाद ऐसा ही सन्नाटा था।

स्थानीय निवासी प्रदीप ने बताया कि मोहल्ले में पहले प्रचार के लिए तमाम पार्टियेां के लाउडस्पीकर आते थे। नेता-समर्थक घर घर आकर वोट मांगते थे। लेकिन इस बार कुछ नहीं दिख रहा। चुनाव की चहल-पहल भी काफी कम है।

डोर-टू-डोर वोट मांगने तक कोई नहीं आया

स्थान आजाद कॉलोनी मुन्नी चौक, समय शाम साढ़े 5 बजे
आजाद कॉलोनी के मुन्नी चौक पर काफी चहल पहल है। नमाज पढ़कर लोग घर जा रहे हैं। मुस्कान होटल से टर्नर रोड तक पार्टियों के इक्का दुक्का झंडेदिखाई पड़ रहे हैं। राम मंदिर लोकार्पण के वक्त लगे झंडे जरूर काफी घरों पर अभी भी हैं।

यहां डोर-टू-डोर वोट मांगने कोई प्रत्याशी नहीं आया। हाजी समशाद, हाफिज शाहनजर, मास्टर अब्दुल सत्तार कहते हैं कि इस बार चुनाव का पहले जैसा माहौल नहीं है। प्रचार तो दिख ही नहीं रहा है। झंडे, बैनर तक नहीं है। हां, सोशल मीडिया पर दलों के मैसेज जरूर आ रहे हैं।

इधर एक ही पार्टी के झंडे
स्थान मोहकमपुर, समय दोपहर 3 बजे

मोहकमपुर फ्लाईओवर के पास स्थानीय बाजार में दुकानों के बाहर सिर्फ एक ही पार्टी के झंडे दिख रहे हैं। पोस्टर-बैनर तो किसी प्रत्याशी या दल का कहीं नजर नहीं आ रहा है। आसपास की कॉलोनियों में भाजपा कांग्रेस की टीमें प्रचार के लिए पहुंची हैं।लेकिन आमतौर पर बाजार में लोग अपने काम धाम में ही मशरूफ नजर आते हैं। यहां तक कि दुकानों में भी पहले जैसी राजनैतिक चर्चाएं नहीं है। पूछने पर भी ज्यादा रुचि लोग नहीं दिखाते हैं।

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