नेपाल में ऐतिहासिक फैसला: प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की सिफारिश पर प्रतिनिधि सभा भंग, 21 मार्च 2026 को चुनाव

काठमांडू: नेपाल की राजनीति में शुक्रवार की रात इतिहास बन गया। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने नवनियुक्त प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की सिफारिश पर प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) को भंग करने का निर्णय लिया और आगामी 21 मार्च 2026 को नए संसदीय चुनाव कराने की तारीख घोषित कर दी।

यह फैसला नेपाल के लोकतंत्र के लिए बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि यह स्पष्ट करता है कि प्रधानमंत्री कार्की सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाना चाहतीं। उनकी यह पहल लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

बांग्लादेश से तुलना

नेपाल का यह निर्णय इसलिए भी चर्चाओं में है क्योंकि ठीक इसके विपरीत पड़ोसी देश बांग्लादेश की राजनीति में हालात अलग हैं। वहां मोहम्मद यूनुस पिछले एक साल से वरिष्ठ सलाहकार के तौर पर सत्ता से जुड़े हुए हैं, लेकिन अभी तक चुनाव की कोई निश्चित तारीख घोषित नहीं की गई है।
नेपाल में लिए गए इस निर्णय ने यह संदेश दिया है कि नेतृत्व जनता की इच्छा के मुताबिक ही सत्ता में रहना चाहता है, न कि ज़बरन।

क्यों ऐतिहासिक है यह फैसला?

  • नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने दिखाया कि वह लोकतंत्र की मजबूती के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
  • प्रतिनिधि सभा को भंग करने का निर्णय यह सुनिश्चित करता है कि जनता को सरकार चुनने का सीधा अवसर मिलेगा।
  • नेपाल का यह कदम क्षेत्रीय राजनीति में भी उदाहरण प्रस्तुत करता है, खासकर दक्षिण एशियाई लोकतंत्रों के लिए।

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