उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव का मतदान निपटते ही टिहरी में भाजपा नेताओं के बीच खींचतान शुरू हो गई है। टिहरी झील में कराए कार्यों को लेकर पूर्व मंत्री दिनेश धनै ने टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय पर आरोप लगाए हैं। दूसरी ओर, उपाध्याय ने धनै के आरोपों को गलत बताते हुए टीएचडीसी से संबंधित ब्योरा सार्वजनिक करने को कहा है।कुछ दिनों पूर्व आम चुनाव की तैयारियों के तहत टिहरी में भाजपा की बैठक हुई थी। उपाध्याय का आरोप है कि बैठक में दिनेश धनै ने टीएचडीसी के अधिकरियों के हवाले से कहा था कि टिहरी झील में कई कार्य, विधायक के कहने पर आवंटित किए गए।
इसके बाद अब किशोर ने टीएचडीसी के कार्यकारी निदेशक को पत्र लिख उनके द्वारा झील में आवंटित कराए कार्यों की जानकारी सार्वजनिक करने को कहा है। किशोर ने कहा कि कुछ लोग उन्हें बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी की बैठक में आरोप लगाए जाने के बाद मैंने टीएचडीसी को पत्र लिखा है।सीबीआई को लिखते पत्र उधर, पूर्व मंत्री धनै ने इस प्रकरण को बाहर लाने के लिए उपाध्याय को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि किशोर पार्टी के बड़े नेता हैं। उन्हें इस तरह की बातें पार्टी फोरम पर ही उठानी चाहिए थीं। हालांकि धनै ने ये भी कहा कि विधायक जी को पत्र लिखना ही था तो टीएचडीसी की बजाए सीबीआई या ईडी को लिखते, जिससे झील में हुए सफाई और अन्य कार्यों की सच्चाई सबके सामने आ जाती।
दोनों पुराने प्रतिद्वंद्वी किशोर उपाध्याय और दिनेश धनै की टिहरी में पुरानी प्रतिद्वंद्विता है। हालांकि अब दोनों के भाजपा में होने से उनके लिए असहज स्थिति पैदा हो रही है। माना जा रहा है कि आगामी निकाय और विधानसभा चुनाव को देखते हुए दोनों के बीच खींचतान शुरू हो गई है जो आने वाले समय में और बढ़ सकती है। दोनों नेताओं के एक ही पार्टी में होने से समर्थक और भाजपा के कार्यकर्ता भी पसोपेश में हैं।विधायक किशोर व पूर्व मंत्री दिनेश धनै के एक-दूसरे पर लगाए गए आरोपों की मुझे जानकारी नहीं है। अभी मैं दिल्ली में हूं और उत्तराखंड लौटकर इस संबंध में जानकारी ली जाएगी। उसके बाद ही इस संदर्भ में कुछ कहा जा सकता है।