📍उत्तरकाशी, 31 अक्टूबर 2025
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड के रमाल गांव में पटवारी पर रिश्वत मांगने का आरोप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। ग्रामीण रविन्द्र सिंह द्वारा लगाए गए इस आरोप ने प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी थी। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए थे। अब एसडीएम पुरोला की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है, जिसमें पटवारी के खिलाफ किसी भी प्रकार की रिश्वत मांगने का प्रमाण नहीं मिला है।
कैसे शुरू हुआ मामला: सोशल मीडिया पर वायरल हुआ आरोप
रमाल गांव निवासी रविन्द्र सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर यह आरोप लगाया था कि पटवारी गडुगाड़ ने उनके आपदा से क्षतिग्रस्त मकान को “पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त” दिखाने के एवज में ₹50,000 की रिश्वत मांगी।
यह पोस्ट कुछ ही घंटों में वायरल हो गई और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई। मामला प्रशासन तक पहुंचा और जिलाधिकारी ने त्वरित संज्ञान लेते हुए जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य का संज्ञान और जांच के आदेश
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने मामले को गंभीर मानते हुए एसडीएम पुरोला को मौके पर जांच के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित पटवारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने जांच को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए सभी पक्षों के बयान दर्ज किए — शिकायतकर्ता, स्थानीय ग्रामीण और पटवारी तीनों से पूछताछ की गई।
जांच रिपोर्ट में नहीं मिले रिश्वत के सबूत
एसडीएम पुरोला द्वारा जिलाधिकारी को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपों के समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य या बयान सामने नहीं आए।
रिपोर्ट के अनुसार, शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि किसी अन्य व्यक्ति या दस्तावेज़ से नहीं हुई।
प्रशासन ने रिपोर्ट के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि सोशल मीडिया पर प्रसारित खबर तथ्यों से मेल नहीं खाती और भ्रामक रूप से प्रस्तुत की गई थी।
तहसीलदार मोरी ने वीडियो जारी कर की स्थिति स्पष्ट
जांच रिपोर्ट के बाद तहसीलदार मोरी ने एक वीडियो बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि —
“जांच पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की गई। किसी भी स्तर पर धनराशि की मांग का प्रमाण नहीं मिला। सोशल मीडिया पर चल रही जानकारी असत्य है।”
उन्होंने जनता से अपील की कि बिना प्रमाण के किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं और किसी भी शिकायत को पहले प्रशासनिक स्तर पर दर्ज कराएं।
जिलाधिकारी ने दी चेतावनी — अफवाह फैलाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने कहा कि सोशल मीडिया पर अपुष्ट सूचनाएं फैलाना अनुचित है। इससे जनता में भ्रम की स्थिति पैदा होती है और प्रशासनिक तंत्र पर गलत असर पड़ता है।
उन्होंने कहा — “भविष्य में यदि कोई व्यक्ति बिना प्रमाण किसी सरकारी कर्मचारी पर झूठे आरोप लगाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
जिलाधिकारी ने यह भी दोहराया कि भ्रष्टाचार के मामलों में शून्य सहिष्णुता की नीति पर प्रशासन कार्य कर रहा है।
प्रशासन की सख्ती और पारदर्शिता की नीति
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि उत्तरकाशी जिला प्रशासन सोशल मीडिया पर फैलने वाली खबरों को भी गंभीरता से लेता है और प्रत्येक शिकायत की निष्पक्ष जांच करता है।
जिलाधिकारी का त्वरित संज्ञान, एसडीएम की विस्तृत जांच और तहसीलदार का सार्वजनिक वीडियो — ये तीनों बातें प्रशासन की सतर्कता, पारदर्शिता और जनता के प्रति जवाबदेही को दर्शाती हैं।
