उत्तराखंड

को-ऑपरेटिव बैंक भर्ती मामले में सख्त ऐक्शन, कर्मचारियों की सेवाएं की गईं खत्म

को-ऑपरेटिव बैंक भर्ती मामले में 12 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव आलोक कुमार पांडेय के आदेश पर ये कार्रवाई की गई। देहरादून, यूएसनगर और पिथौरागढ़ के प्रशासकों की ओर से कर्मचारियों को बर्खास्त किए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

जिला सहकारी बैंकों में वर्ष 2020 में चतुर्थ श्रेणी के 428 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। इन भर्तियों पर विवाद उठने के बाद जांच कराई गई। जांच देहरादून, यूएसनगर और पिथौरागढ़ के बैंकों की कराई गई। क्योंकि सिर्फ इन्हीं तीन बैंकों ने शासन के आदेशों के विपरीत जाकर न सिर्फ आचार संहिता में रिजल्ट जारी किया, बल्कि नियुक्ति भी दी।

कई चरणों की जांच के बाद इन तीन बैंकों में भर्ती 156 लोगों में से सिर्फ 12 की ही सेवाएं समाप्त किए जाने के आदेश रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव की ओर से दिए गए। इन आदेशों के क्रम में देहरादून, यूएसनगर और पिथौरागढ़ के जिला सहकारी बैंकों के प्रशासकों ने 12 लोगों की सेवाएं समाप्त किए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं।

देहरादून में पांच, यूएसनगर में चार और पिथौरागढ़ में तीन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। ये सभी कर्मचारी मार्च 2022 से अपनी सेवाएं बैंकों में दे रहे थे। सवा दो साल बाद जाकर इन सभी की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।इन तीनों बैंकों में शेष 144 लोगों की सेवाएं सुरक्षित हैं। उनके चयन को सही माना गया है। उधर जिन सात जिलों में भर्ती को निरस्त किया गया है, वहां के अभ्यर्थी इसके खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।

सीडीओ स्तर से हुई कार्रवाई
मौजूदा समय में बैंकों की निर्वाचित कार्यकारिणी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों के पास प्रशासक का जिम्मा है। सीडीओ देहरादून झरना कमठान ने बताया कि पांच लोगों को सेवा समाप्ति का आदेश दे दिया गया है। सीडीओ यूएसनगर मनीष कुमार ने बताया कि कई स्तरों की जांच के बाद सेवा समाप्ति के आदेश किए गए हैं।

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