HC ने दी राहत, रियायती दर पर पॉलीहाउस का रास्ता साफ; किसानों को क्या होगा फायदा
राज्य के किसानों को रियायती दर पर पॉलीहाउस मुहैया कराने की योजना का रास्ता साफ हो गया। हाईकोर्ट में इस योजना के मानकों के खिलाफ दायर हुई रिट के खारिज होने के बाद सरकार ने मानकों में कुछ संशोधन करते हुए योजना शुरू करने के आदेश जारी कर दिए। केंद्र सरकार की मिनी रत्न श्रेणी की कंपनी ब्रेथवेट को कार्यदायी संस्था बनाया गया है।
राज्य में इस योजना के तहत नाबार्ड की सहायता से करीब 100 वर्ग मीटर आकार के 21 हजार से ज्यादा पॉलीहाउस बनाए जाने हैं। इनके लिए किसानों को 70 फीसदी तक सब्सिडी दी जानी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अक्तूबर 2023 को हल्द्वानी में एक कार्यक्रम में इस योजना का उद्घाटन किया था। सरकार इस योजना को प्रदेश में बागवानी के विकास और किसानों की आमदनी को बढ़ाने की गेम चेंजर योजना के रूप में देख रही है।
कृषि एवं कृषक कल्याण सचिव विनोद कुमार सुमन ने बुधवार को इसके आदेश किए। इस योजना में जीएसटी शुल्क एवं ढुलान व्यय पर लोनिवि की एसओआर के मानक लागू होंगे। कार्यदायी संस्था को वित्त और नियोजन विभाग की दरों के आधार पर सेंटेज चार्ज दिए जाएंगे। नए शुल्क जुड़ने के बाद पॉलीहाउस के निर्माण की प्रति वर्गमीटर की दरों को भी संशोधित किया जा रहा है। इसके लिए नाबार्ड को दरों को लेकर नया प्रस्ताव भेजा जाएगा।
लाभार्थी संतुष्ट होने पर भुगतान
नए आदेश में कार्यदायी संस्था पर भी सख्त नियंत्रण के प्रावधान किए गए हैं। पॉलीहाउस योजना के लाभार्थी के संतुष्ट होने पर ही पॉलीहाउस निर्माण की अंतिम किस्त जारी होगी। लाभार्थी संतुष्ट नहीं होता तो भुगतान रोक दिया जाएगा। कंपनी विभाग की मांग के अनुसार पॉलीहाउस निर्माण की सामग्री लाएगी। बिना अनुमति अथवा प्रत्याशा में सामग्री की अनुमति नहीं होगी।