राजस्थान के अजमेर जिले के पास ब्यावर में एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 10 मुस्लिम आरोपियों द्वारा 5 नाबालिग हिंदू लड़कियों के साथ दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग और जबरन धर्म परिवर्तन कराने का मामला उजागर हुआ है। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाकी 3 की तलाश जारी है।
कैसे फंसाया गया नाबालिग लड़कियों को?
इस घिनौनी साजिश में सोशल मीडिया एक बड़ा हथियार बना। आरोपियों ने पहले लड़कियों से दोस्ती की, फिर उन्हें महंगे मोबाइल फोन, गिफ्ट और अन्य प्रलोभन देकर अपने जाल में फंसाया। धीरे-धीरे इन्हें होटल, रेस्टोरेंट और अन्य जगहों पर बुलाया गया, जहां उनके साथ जबरदस्ती की गई।
इसके बाद, लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया गया। धमकी दी गई कि अगर उन्होंने आरोपियों की बात नहीं मानी, तो ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए जाएंगे।
इस्लाम कबूल करवाने की साजिश
सिर्फ बलात्कार ही नहीं, बल्कि इन मासूम लड़कियों पर इस्लाम धर्म अपनाने का भी दबाव बनाया गया। आरोपियों ने ब्लैकमेल करके लड़कियों को जबरन नमाज पढ़वाई, इस्लामिक नाम दिए, और उनसे इस्लाम कबूलने के लिए कहा।
यह मामला 1992 में अजमेर में हुए कुख्यात सेक्स स्कैंडल की याद दिलाता है, जब सैकड़ों स्कूली लड़कियों को ब्लैकमेल करके उनका यौन शोषण किया गया था।
पुलिस की कार्रवाई और जांच का दायरा
ब्यावर पुलिस ने पीड़ित लड़कियों के परिवारों की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की। 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनमें से कुछ स्थानीय होटल और लॉज मालिक भी शामिल हैं, जिन्होंने इस अपराध में सहयोग किया। अन्य 3 आरोपी अभी भी फरार हैं, और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने लड़कियों के मोबाइल में हैकिंग सॉफ़्टवेयर डालकर उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी थी। साथ ही, कई फर्जी इंस्टाग्राम और स्नैपचैट अकाउंट के जरिए भी लड़कियों को फंसाने का खेल चल रहा था।
हिंदू संगठनों और जनता का आक्रोश
घटना सामने आने के बाद पूरे राज्य में रोष व्याप्त है। हिंदू संगठनों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है और ब्यावर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। कुछ संगठनों ने इसे “लव जिहाद” का संगठित षड्यंत्र बताया है और सरकार से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
यहां सवाल उठता है कि क्या फिर दोहराया जा रहा है 1992 का अजमेर कांड?
ब्यावर का यह मामला 1992 में अजमेर के सेक्स स्कैंडल की भयावह याद दिला रहा है, जब कई प्रभावशाली मुस्लिम नेताओं के बेटों ने सैकड़ों हिंदू लड़कियों का यौन शोषण किया था।
अगर अब भी प्रशासन सतर्क नहीं हुआ और सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह देश की बेटियों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा साबित हो सकता है।