चुनावी सियासत से अब बाहर रहना चाहते हैं पूर्व सीएम हरीश रावत, बताई मन की बात

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वो चुनाव लड़ने की राजनीति से बाहर निकलना चाहते हैं। इसके लिए यह एक अच्छा अवसर है। सोशल मीडिया पर मंगलवार को वायरल बयान में पूर्व मुख्यमंत्री रावत कहते दिखाई दे रहे हैं कि यदि वो एक बार फिर इसमें फंस गए तो अगले 10 साल तक उन्हें चुनाव लड़ने की राजनीति का हिस्सा बना रहना पड़ेगा।

रावत ने कहा कि वह खुद चुनाव लड़ने की परिस्थितियों से बाहर निकलकर पार्टी की सेवा करना चाहते हैं। पार्टी जहां उनका सदुपयोग उचित समझेगी वह अपनी सेवा देने को तैयार है। रावत ने आगे कहा कि पार्टी चाहे तो उनके संबंधों, नाम और काम का उपयोग कर सकती है।

इस काम को उनका बेटा बेहतर तरीके से कर पाएगा इसलिए ही उन्होंने अपने बेटे वीरेंद्र का नाम पार्टी के सामने रखा है। वो पहले भी हरिद्वार में सक्रिय रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि हरिद्वार के मेरे साथियों की स्वीकार्यता पर ही लोकसभा चुनाव के लिए टिकट तय होगा।

यदि मेरे साथी इस सीट पर कोई नाम लाते हैं तो उस पर भी विचार किया जाए। हालांकि रावत के करीबी सहयोगियों के मुताबिक, उक्त बयान कुछ दिन पुराना है। हरीश रावत मंगलवार को असोम में मां कामाख्या देवी के दर्शन करने गए थे। इससे पहले वो अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में रामलला के दर्शन और दिल्ली दौरे के कारण लगातार प्रदेश से बाहर हैं।

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