नारी शक्ति का नज़ारा बनी देहरादून की सड़कें: ‘झांसी ऑन व्हील्स’ वूमेन बाइक रैली में गूंजा आत्मबल और सुरक्षा का संदेश

देहरादून – शहर की सड़कों पर रविवार कुछ अलग था। यह कोई आम दिन नहीं था – यह दिन था उन महिलाओं के लिए, जिन्होंने अपने आत्मबल, साहस और स्वतंत्रता का झंडा बुलंद करते हुए ‘झांसी ऑन व्हील्स’ वूमेन बाइक रैली में दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। तेजस्विनी चैरिटेबल ट्रस्ट के तीन वर्ष पूर्ण होने पर शुरू हुए ‘शक्ति का उत्सव’ के प्रथम चरण में महिलाओं ने रैली के माध्यम से यह संदेश दिया – “अब डर नहीं, दिशा चाहिए।”

बाइक, स्कूटर और यहां तक कि हार्ले डेविडसन जैसी दमदार बाइक्स पर सवार महिलाओं ने यह दिखाया कि शहर की सड़कें अब उनकी हिम्मत की गवाह बन चुकी हैं। कनक चौक से सेंट्रियो मॉल तक निकली इस भव्य रैली में, महिलाओं ने न केवल ट्रैफिक को चीरते हुए आगे बढ़ने का जज़्बा दिखाया, बल्कि हर मोड़ पर यह स्पष्ट किया –

“हम नारी हैं, अबला नहीं, सक्षम हैं। हमारी सुरक्षा हमारी शक्ति में है।”

रैली के समापन पर सेंट्रियो मॉल में एक रंगारंग कार्यक्रम हुआ, जहां सभी प्रतिभागी महिलाओं को सम्मान पत्र देकर उनकी भागीदारी का अभिनंदन किया गया। इस आयोजन की सूत्रधार प्रिया गुलाटी ने कहा:

“यह रैली केवल सड़कों पर सफर नहीं, बल्कि समाज को यह बताने की कोशिश थी कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में स्वतंत्र और सक्षम हैं। वे क्या पहनें, कहां जाएं, ये निर्णय अब वो खुद करती हैं – और करती रहेंगी।”

कार्यक्रम में प्रसिद्ध मॉडरेटर परवेज़ गाज़ी ने संचालन किया, जबकि हास्य कवि फेमस खतौली ने अपनी उपस्थिति से समां बांधा।

महिलाओं की इस यात्रा में उनका हौसला बढ़ाने पहुंचे कई प्रमुख चेहरे:

  • सविता कपूर – कैंट विधानसभा विधायक, जो स्वयं नारी सशक्तिकरण की प्रतीक हैं
  • नेहा जोशी – भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष, युवतियों की प्रेरणा
  • ऐश्वर्या बिष्ट – मिस उत्तराखंड एशिया, जिन्होंने रैली में भाग लेकर बताया कि सुंदरता के साथ ताक़त भी ज़रूरी है
  • सौरभ थपलियाल – मेयर, देहरादून
  • राजेश शर्मा – डायरेक्टर, देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल

कार्यक्रम में कई प्रेरणादायक महिलाएं भी सम्मानित की गईं, जिनमें प्रमुख थीं:
डॉ. प्रिया पांडे कौशिक, एडवोकेट रितु गुजराल, डॉ. जसलीन कालरा शर्मा, समाजसेवी किरण सिंह, अर्चना यादव कपूर, शैली सचदेवा, अंशिका खुराना, आचार्य वर्षा।

इस ऐतिहासिक बाइक रैली ने साबित कर दिया –
“जब महिलाएं सड़कों पर उतरती हैं, तो केवल ट्रैफिक नहीं, सोच भी बदलती है।”

 

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