मसूरी में श्रीलंकाई अफसरों का डिजिटल इंडिया से साक्षात्कार: एमडीडीए में वर्कशॉप का शानदार आयोजन

देहरादून/मसूरी, 2 जून 2025

उत्तराखंड की वादियों में स्थित मसूरी और देहरादून का परिवेश आज सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र नहीं, बल्कि प्रशासनिक नवाचारों और डिजिटल परिवर्तन का अंतरराष्ट्रीय मंच बन चुका है। इसका एक ताज़ा प्रमाण मिला जब श्रीलंका के प्रशासनिक सेवा से जुड़े 40 सदस्यीय उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के मुख्यालय में एक दिवसीय वर्कशॉप में भाग लेकर भारत की डिजिटल योजनाओं और तकनीकी क्रांति का गहन अध्ययन किया।

श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत

एमडीडीए के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मुख्यालय में पहुंचने पर प्राधिकरण के संयुक्त सचिव गौरव चटवाल ने श्रीलंकाई अधिकारियों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया और प्राधिकरण की कार्यशैली, प्रशासनिक संरचना और जनहितकारी परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। यह मुलाकात केवल औपचारिक नहीं थी, बल्कि दो देशों के प्रशासनिक ज्ञान और अनुभव का एक समृद्ध आदान-प्रदान बन गई।

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी से एमडीडीए तक

इससे पूर्व यह दल मसूरी की प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी का दौरा कर चुका था, जहां से उन्होंने देहरादून की ओर रुख किया। एमडीडीए द्वारा आयोजित इस वर्कशॉप में डिजिटल मैपिंग, मास्टर प्लानिंग, कम्प्यूटरीकृत ई-सेवाओं की मौजूदा प्रणाली और भविष्य की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित योजनाओं को बारीकी से समझा गया।

डिजिटल भारत के मॉडल से प्रभावित हुआ श्रीलंकाई दल

वर्कशॉप में विशेषज्ञों द्वारा दिए गए स्क्रीन प्रजेंटेशन में यह बताया गया कि कैसे एमडीडीए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और GIS मैपिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर योजनाओं को न केवल डिजिटाइज कर रहा है, बल्कि उन्हें ज़मीनी स्तर पर तेज़ी से लागू भी कर रहा है। श्रीलंकाई अधिकारियों ने खासतौर पर “ई-गवर्नेंस फॉर पीपल” की अवधारणा की प्रशंसा की।

विकास योजनाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की मिसाल

एमडीडीए के मुख्य अभियंता हरिचंद सिंह राणा, अधिशासी अभियंता सुनील कुमार और अन्य तकनीकी विशेषज्ञों – नवजोत सजवान, नीरज सेमवाल, प्रशांत नौटियाल और मनु शर्मा – ने फील्ड में सरकार की योजनाओं को किस तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ज़्यादा पारदर्शी, जवाबदेह और जन-केंद्रित बनाया गया है, इस पर शानदार प्रजेंटेशन दिए।

भारत-श्रीलंका प्रशासनिक सहयोग का नया अध्याय

इस एकदिवसीय कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि भारत सिर्फ अपनी तकनीकी उन्नति में ही नहीं, बल्कि पड़ोसी देशों के साथ प्रशासनिक सहयोग और साझा विकास की भावना में भी अग्रणी है। श्रीलंका से आए अफसरों ने एमडीडीए के कामकाज और पारदर्शी तकनीकी मॉडल की सराहना करते हुए इसे अपने देश की स्थानीय योजनाओं में अपनाने की इच्छा भी जताई।


एमडीडीए का यह आयोजन केवल एक वर्कशॉप नहीं, बल्कि एक ‘डिजिटल डिप्लोमेसी’ का हिस्सा था – जहां विचारों की साझेदारी, तकनीक का प्रसार और प्रशासनिक उत्कृष्टता की वैश्विक पहचान देखने को मिली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com