दिल थामिए जनाब! भारत जैसे देश में जहां लोग 180 किलोमीटर तक बिना हेलमेट के बाइक पर बिठा लेते हैं, वहीं एक महिला ने मात्र 180 मीटर की दूरी के लिए ₹19 की Ola Bike बुक कर ली — वजह?
“कुत्ते भौंकते हैं…”
इस महाकाव्य घटना का मंच था — किसी सामान्य मोहल्ले की सामान्य गली, जहां असामान्य रूप से सड़क के दोनों ओर कुछ लतियाते, ऊंघते, परंतु “अचानक सक्रिय हो जाने में माहिर” देसी कुत्ते विराजमान थे।
📍 ओला का ओपेरा: सिर्फ 180 मीटर की महायात्रा
राइडर का चेहरा जैसे ही GPS पर “180m” देख कर भौंचक्का हुआ, उसने बड़ी मासूमियत से पूछ ही डाला:
“मैडम, लोकेशन सही डाली है न? ये तो बस 2 मिनट की वॉक है!”
महिला ने कांपती आवाज़ में जवाब दिया:
“डाली है। पर मैं डरती हूँ इन कुत्तों से। भौंकने से ज्यादा उनका देख लेना भी मुझे विचलित कर देता है।”
🚴♂️ राइडर के मन में उमड़ा तूफान…
राइडर सोच रहा था:
“पेट्रोल 120 रुपये लीटर है, लेकिन लोगों के डर इतने भारी हैं कि बाइक सस्ती पड़ रही है।”
वो चाहकर भी नहीं कह पाया:
“मैडम, कुत्ते भौंकते हैं, खाते नहीं। और ओला आपके डर का इलाज नहीं है।”
पर कहे भी कैसे? ग्राहक देवो भव: का गूगल रेटिंग रूपी श्राप जो टंगा था उसके सिर पर।
🐶 सड़क के कुत्ते बोले:
घटनास्थल से एक एक्सक्लूसिव प्रतिक्रिया भी आई है —
एक अनुभवी गली का कुत्ता, जो पास के नाले पर Meditation में लीन था, बोला:
“हम तो सोच रहे थे कि इंसान अब चंद्रयान भेज रहा है, लेकिन लगता है ‘डरयान-180 मीटर’ ज्यादा पॉपुलर हो गया है!”
🤯 क्या अब Zomato भी डॉग-डिटरेंट सर्विस शुरू करेगा?
Ola ने इस घटना पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन Ola की PR टीम शायद इस पर अगली स्लोगन लाइन सोच रही हो:
“भौंकते कुत्तों से डरिए मत, हमारी बाइक बुलाइए तुरंत!”
Zomato और Swiggy जैसी कंपनियाँ भी अब R&D में जुटी हैं:
“Can we offer anti-dog escort service with your biryani?”
🚨 Moral of the Story:
भारत में अब सिर्फ ट्रैफिक और टोल नहीं, भौंकने की संभावना भी यात्रा की लागत तय कर रही है।
और ये घटना हमें सिखाती है:
“डर की कोई दूरी नहीं होती — कभी-कभी बस 180 मीटर ही काफी होता है इंसानियत की GPS री-सेट करने के लिए।”
#DogFearDiaries #OlaChronicles #180MeterEpic #BhaukFearRide #SatiricalIndia #Headlinesip