BIG BREAKING | तहव्वुर राणा का कबूलनामा: “26/11 हमलों में पाक सेना शामिल थी”

दुनिया को दहला देने वाले 26/11 मुंबई आतंकी हमलों को लेकर अब तक की सबसे सनसनीखेज सच्चाई सामने आई है। पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा ने अमेरिकी अदालत में जो खुलासे किए हैं, उसने पाकिस्तान की सैन्य और खुफिया एजेंसियों की काली करतूतों को एक बार फिर उजागर कर दिया है।


🔥 तहव्वुर राणा का कबूलनामा: सीधे शब्दों में पाकिस्तानी फौज दोषी है

राणा ने खुलकर स्वीकार किया है कि:

  • “मैं पाकिस्तानी सेना का भरोसेमंद एजेंट था”
  • “मुझे खाड़ी युद्ध (Khaleej War) के दौरान पाकिस्तान सेना द्वारा विदेश भेजा गया था”
  • “मैंने कई बार लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण कैंपों में भाग लिया है”
  • “26/11 मुंबई हमलों की योजना में पाकिस्तान की सेना पूरी तरह से शामिल थी”

यह कबूलनामा न केवल पाकिस्तान की ‘सामरिक नीति में आतंकवाद’ की पुष्टि करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि 26/11 कोई स्वतंत्र जिहादी हमला नहीं था, बल्कि यह एक राज्य प्रायोजित आतंकी हमला था – जिसमें ISI, पाक सेना और लश्कर एक साझा मंच पर थे।


📍 26/11 – जब मुंबई दहली थी, पाकिस्तान साजिश बुन रहा था

26 नवम्बर 2008 की वो रात आज भी भारतवासियों की यादों में खौफ बनकर बसी है। ताज होटल, ओबेरॉय, नरीमन हाउस और CST स्टेशन… हर जगह खून, गोलियों की आवाज़ें और निर्दोषों की चीखें थीं।

अब राणा की स्वीकारोक्ति ने उस भयावह सच्चाई पर मुहर लगा दी है – कि ये सिर्फ लश्कर नहीं था, ये पाकिस्तान की वर्दीधारी हुकूमत थी, जिसने भारत की आर्थिक राजधानी पर हमला बोला।


🎯 अमेरिका में लंबी कानूनी लड़ाई – अब भारत को मिलेगा इंसाफ?

तहव्वुर राणा इस समय अमेरिका में हिरासत में है, और भारत उसकी निर्वासन (extradition) की मांग कर चुका है। हालांकि कानूनी प्रक्रिया धीमी है, लेकिन अब जब राणा ने सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान के सैन्य हस्तक्षेप और आतंक संगठनों के साथ अपने रिश्ते की पुष्टि की है, तो भारत का दावा और भी मजबूत हो गया है।

यह स्वीकारोक्ति हाफिज सईद, डेविड कोलमैन हेडली, और अब तहव्वुर राणा – तीनों की बातों को एकसाथ जोड़कर पाकिस्तान के खिलाफ एक मजबूत केस बनाती है।


💥 पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ीं, लेकिन क्या अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई होगी?

इस कबूलनामे से पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिति और शर्मनाक हो चुकी है। FATF में पहले ही ग्रे लिस्ट में रह चुके पाकिस्तान के लिए ये नया खुलासा काले धब्बे जैसा है।

अब सवाल है –
क्या UN, FATF, और अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवाद का राज्य घोषित करेंगे?
क्या भारत के शहीदों को अब मिलेगा न्याय?
क्या पाकिस्तान के सेना प्रमुखों पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में केस चलेगा?

 

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