उत्तराखंड

BJP हैट्रिक तो कांग्रेस की वापसी पर निगाहें, नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट पर क्या बने समीकरण

नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट पर भाजपा के सामने जीत की हैट्रिक की चुनौती है तो कांग्रेस वापसी के लिए संघर्ष कर रही है। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से नैनीताल-ऊधमसिंह नगर का इतिहास प्रतिष्ठापूर्ण रहा है। इस संसदीय क्षेत्र से केसी पंत और एनडी तिवारी जैसे कई दिग्गज राजनेता निकले हैं।

कांग्रेस ने यहां अब तक 10 बार जीत दर्ज की तो भाजपा ने चार बार परचम लहराया है। भाजपा ने इस सीट पर केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट को लगातार दूसरी बार प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने प्रकाश जोशी को चुनाव मैदान में उतारा है। नैनीताल को देश के उच्च शिक्षित संसदीय क्षेत्रों में गिना जाता है।

इसलिए यहां के मतदाताओं की अपेक्षा जनप्रतिनिधियों से अधिक होती है। यह भी कहा जाता है कि मतदाताओं ने उन्हीं राजनेताओं को सिर माथे पर बिठाया है जो विकासपरक सोच रखते हैं। ऐसे में इस चुनाव में भाजपा-कांग्रेस में कड़ी टक्कर के आसार हैं।

गोविंद बल्लभ पंत की कर्मस्थली 
नैनीताल लोकसभा सीट भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की कर्मस्थली भी रही है। वर्ष 1962, 1967 और 1971 में पंडित जी के पुत्र केसी पंत जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। वहीं 1951 और 1957 में गोविंद बल्लभ पंत के दामाद सीडी पंत यहां से लगातार दो बार सांसद चुने गए। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी इस सीट से तीन बार सांसद निर्वाचित हुए।

प्रधानमंत्री बनने से चूके एनडी तिवारी 
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद एनडी तिवारी को प्रधानमंत्री बनाए जाने की चर्चा जोरों पर थी, लेकिन 1991 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बलराज पासी ने एनडी तिवारी को इस सीट पर करारी शिकस्त दी थी, जिसके बाद पीवी नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया।

नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट 2009 में नए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। इससे पहले यह नैनीताल-बहेड़ी लोकसभा सीट के नाम से जानी जाती थी। भौगोलिक दृष्टि से सीट का ज्यादातर हिस्सा मैदानी क्षेत्र है।

कब कौन जीता
वर्ष निर्वाचित दल

1951 सीडी पांडे कांग्रेस
1957 सीडी पांडे कांग्रेस
1962 केसी पंत कांग्रेस
1967 केसी पंत कांग्रेस
1971 केसी पंत कांग्रेस
1977 भारत भूषण बीएलडी
1980 एनडी तिवारी कांग्रेस
1984 सत्येन्द्र चंद्र गुड़िया कांग्रेस
1989 महेन्द्र सिंह पाल जनता दल
1991 बलराज पासी भाजपा
1996 एनडी तिवारी कांग्रेस
1998 इला पंत भाजपा
1999 एनडी तिवारी कांग्रेस
2004 केसी सिंह बाबा कांग्रेस
2009 केसी सिंह बाबा कांग्रेस
2014 भगत सिंह कोश्यारी भाजपा
2019 अजय भट्ट भाजपा

छात्र राजनीति से केंद्र में मंत्री बनने तक का सफर
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति की शुरुआत करने वाले अजय भट्ट ने 1980 में भाजपा की सक्रिय सदस्यता प्राप्त की। अयोध्या मंदिर निर्माण आंदोलन के दौरान और 1990 में भट्ट दो बार जेल गए। 1996 में रानीखेत विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव जीतकर यूपी विधानसभा पहुंचे।

2019 में उन्होंने नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा। इसमें उन्होंने रिकॉर्ड 7,72,195 वोट पाकर कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत को शिकस्त दी। इसके बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में उन्हें रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई।

दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं प्रकाश जोशी
कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी कांग्रेस हाईकमान के करीबी बताए जाते हैं। इससे पहले जोशी नैनीताल जिले की कालाढूंगी सीट से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों ही बार उन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेता बंशीधर भगत से मात खानी पड़ी है।

विधानसभा क्षेत्र14
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट में दोनों जिलों के 14 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। ऊधमसिंह नगर के बाजपुर, गदरपुर, जसपुर, काशीपुर, खटीमा, किच्छा, नानकमत्ता, रुद्रपुर और सितारगंज जबकि नैनीताल जिले के पांच विधानसभा क्षेत्र भीमताल, हल्द्वानी, नैनीताल, कालाढूंगी और लालकुआं शामिल हैं।

नैनीताल की विशेषता
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर संसदीय क्षेत्र मतदाताओं के लिहाज से उत्तराखंड की दूसरी बड़ी सीट है। नैनीताल शहर अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पूरी दुनिया में विशेष पहचान रखता है। इस संसदीय क्षेत्र में नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा, कैंची धाम जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।

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