प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने आज बड़ी घोषणा की है—भारत अब मेट्रो रेल नेटवर्क के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ने की दिशा में बढ़ रहा है। आने वाले वर्षों में देशभर में लगभग 1000 किलोमीटर नई मेट्रो रेल परियोजनाएं जुड़ने जा रही हैं। यह कदम भारत को दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती शहरी परिवहन शक्ति के रूप में स्थापित करेगा।
मेट्रो नेटवर्क का विस्तार: बदलती तस्वीर
भारत के कई शहरों में मेट्रो पहले से ही शहरी जीवन का हिस्सा बन चुकी है। अब सरकार ने 5 बड़े प्रोजेक्ट्स पर फोकस किया है, जो मिलकर देश को अमेरिका से आगे ले जाएंगे।
प्रमुख 5 मेट्रो प्रोजेक्ट्स
शहर/राज्य | प्रोजेक्ट का नाम | लंबाई (किमी) | संभावित पूर्णता वर्ष |
---|---|---|---|
दिल्ली-एनसीआर | दिल्ली-Meerut RRTS + नई मेट्रो लाइनें | 180 किमी | 2026 |
मुंबई, महाराष्ट्र | मुंबई मेट्रो लाइन 2A, 7, 9, 10, 12 | 200 किमी | 2027 |
बैंगलुरु, कर्नाटक | बैंगलुरु मेट्रो फेज़ 2 + RRTS | 150 किमी | 2026-27 |
चेन्नई, तमिलनाडु | चेन्नई मेट्रो फेज़ 2 विस्तार | 118 किमी | 2028 |
पुणे, महाराष्ट्र | पुणे मेट्रो फेज़ 2 | 90 किमी | 2026 |
➡️ इन पांचों प्रोजेक्ट्स को जोड़कर भारत के मेट्रो नेटवर्क में लगभग 1000 किमी का नया विस्तार होगा।
मेट्रो क्रांति: क्यों खास है यह उपलब्धि?
- तेज़ और सुरक्षित सफर
- प्रदूषण में कमी और पर्यावरण बचाव
- रोजगार और रियल एस्टेट में तेजी
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती
भारत बनाम अमेरिका
- अमेरिका: लगभग 1,200 किमी का मेट्रो नेटवर्क
- भारत: आने वाले 3 वर्षों में 1,800 किमी+
भारत अब दुनिया में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क वाला देश बनने की तैयारी कर रहा है।
दिल्ली के यात्रियों से लेकर मुंबई और बैंगलुरु तक, हर शहर का आम नागरिक इस क्रांति को अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी की राहत मान रहा है। छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों सभी को इससे सीधा फायदा होगा।