उत्तराखंड
आठ साल में दोगुना होगा बिजली उत्पादन, यूजेवीएनएल ने की कार्ययोजना तैयार
राज्य में आठ साल के भीतर बिजली उत्पादन दोगुना हो जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। इससे विद्युत उत्पादन वर्तमान के 1426 मेगावाट से बढ़कर 2031 तक 3155 मेगावाट तक पहुंच जाएगा।
मंगलवार को उज्ज्वल मुख्यालय में यूजेवीएनएल के एमडी डॉ. संदीप सिंघल ने प्रेस वार्ता कर बताया कि वह औसतन 2.25 रुपये प्रति यूनिट की दर पर राज्य को बिजली उपलब्ध करा रहे हैं। अगस्त में अब तक का सर्वाधिक विद्युत उत्पादन हुआ है जबकि सितंबर में भी हम रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि नौ परियोजनाओं ने अपना जीवनकाल पूरा कर लिया था, जिनके नवीनीकरण से उनकी आयु 35 साल और बढ़ गई है।
राज्य में भू-तापीय ऊर्जा पर भी शुरू हो जाएगा काम
उनकी गलोगी परियोजना 100 से अधिक वर्षों से चल रही है। उन्होंने बताया कि आठ साल में न केवल विद्युत उत्पादन दोगुना होगा बल्कि राजस्व भी 1000 करोड़ से बढ़कर 3000 करोड़ से ऊपर जाएगा। उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ के मुनस्यारी ब्लॉक में 120 मेगावाट की सिरकारी भ्योल-रूपसियाबगड़ परियोजना के लिए निविदा अगले महीने जारी होगी। आइसलैंड के साथ जल्द ही उत्तराखंड सरकार का एमओयू होगा, जिससे राज्य में भू-तापीय ऊर्जा पर भी काम शुरू हो जाएगा।
उनकी गलोगी परियोजना 100 से अधिक वर्षों से चल रही है। उन्होंने बताया कि आठ साल में न केवल विद्युत उत्पादन दोगुना होगा बल्कि राजस्व भी 1000 करोड़ से बढ़कर 3000 करोड़ से ऊपर जाएगा। उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ के मुनस्यारी ब्लॉक में 120 मेगावाट की सिरकारी भ्योल-रूपसियाबगड़ परियोजना के लिए निविदा अगले महीने जारी होगी। आइसलैंड के साथ जल्द ही उत्तराखंड सरकार का एमओयू होगा, जिससे राज्य में भू-तापीय ऊर्जा पर भी काम शुरू हो जाएगा।