उत्तराखंड

गोवंश को लावारिस छोड़ने वालों पर सख्ती के मूड में सरकार, जल्द बनाएगी कानून

प्रदेश सरकार गोवंश को सड़कों पर लावारिस छोड़ने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कानून बना रही है। साथ ही 70 नई गोशालाएं भी बनाई जा रही हैं। शून्य काल के दौरान कांग्रेस विधायक गोपाल सिंह राणा ने लावारिस पशुओं की समस्या उठाते हुए कहा कि ऐसे पशु सड़कों पर रहते हैं, जो सड़क दुर्घटना का बहुत बड़ा कारण बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग गोवंश के अनुपयोगी होने से उसे सड़कों पर छोड़ रहे हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए।

जवाब देते हुए पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि निराश्रित पशु मुख्य तौर पर पंचायती राज और शहरी विकास विभाग से जुड़ा विषय है, इसलिए पशुपालन विभाग इन दोनों विभागों के साथ मिलकर सख्त कानून बनाने की तैयारी कर रहा है। बहुगुणा ने कहा कि यूएसनगर में सात एकड़ में बनी नई गोशाला में कुछ ही समय में 1400 निराश्रित पशु आ गए हैं, इस कारण अब वहां भी पशुओं को रखने में दिक्कत आ रही है। प्रदेश की सड़कों पर करीब 27 हजार निराश्रित पशु हैं, इसलिए सरकार अब 70 नई गोशालाओं का निर्माण कर रही है, अब तक सरकार करीब साढ़े तीन हजार पशुओं को गोशाला भेज चुकी है।

भूमिधरी अधिकार को लेकर सरकार को घेरा

कांग्रेस विधायकों ने हरिद्वार पथरी में टिहरी बांध विस्थापितों को भूमिधरी अधिकार न मिलने पर सरकार को घेरा। 40 साल बाद भी विधिवत स्वामित्व न मिलने पर सवाल उठाए। कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत ने कहा कि टिहरी बांध के लिए 40 साल पहले अपनी घर, जमीन, संस्कृति को राष्ट्र के विकास के लिए छोड़ने वाले बांध विस्थापितों को 40 साल बाद भी भूमिधरी अधिकार न मिलना शर्मनाक है। विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि आज भी पथरी में बांध विस्थापित जिस भूमि पर बसे हुए हैं, वो वन भूमि है। ऐसे में लोगों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

विधायक हरीश धामी ने कहा कि धारचूला, मुनस्यारी क्षेत्रों में भी भूमिधरी से जुड़े विषयों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में गठित समिति की तीन बैठकें हो चुकी हैं। तेजी से प्रक्रिया गतिमान है। जल्द इन सभी प्रकरणों का निस्तारण कर दिया जाएगा।

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