नई दिल्ली/प्रयागराज: आस्था के सबसे बड़े पर्व महाकुंभ में स्नान को पवित्र अनुष्ठान माना जाता है, लेकिन इस बार इसे शर्मसार करने वाला एक घिनौना खेल सामने आया है। सोशल मीडिया और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर कुंभ में नहाने वाली महिलाओं के चोरी-छिपे बनाए गए वीडियो बड़ी कीमतों पर बेचे जा रहे हैं। इन आपत्तिजनक वीडियो को बेचने के लिए बाकायदा “रेट कार्ड” जारी किए गए हैं, और ग्राहकों से मोटी रकम वसूली जा रही है।
खुलासा: ‘ओपन बाथिंग’ सर्च टर्म में भारी उछाल
टेलीग्राम एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म Telemetrio के अनुसार, 12 फरवरी से 18 फरवरी के बीच “open bathing” सर्च टर्म में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। इसका सीधा मतलब है कि हजारों लोग ऐसे वीडियो को खोज रहे हैं और खरीद रहे हैं। इन वीडियो तक पहुंचने के लिए 1,999 रुपये से 3,000 रुपये तक की फीस ली जा रही है।
कैसे चल रहा है यह घिनौना खेल?
सूत्रों के अनुसार, हाई-रेजोल्यूशन कैमरों और मोबाइल फोनों से गुप्त रूप से महिलाओं के नहाने के वीडियो रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। इनमें खासतौर पर उनके निजी अंगों पर फोकस किया जाता है और फिर इन्हें ऑनलाइन ग्रुप्स में बेचा जाता है।
टेलीग्राम पर इन अश्लील चैनलों में कई प्रकार के पैकेज ऑफर किए जा रहे हैं:
- सिंगल वीडियो: ₹100 – ₹500
- बाथिंग क्लिप्स का कलेक्शन: ₹1000 – ₹5000
- “एक्सक्लूसिव स्नान स्ट्रीमिंग” (सीक्रेट रिकॉर्डिंग) – ₹10,000+
इतना ही नहीं, कुछ ग्रुप्स में “लाइव स्नान स्ट्रीमिंग” की भी पेशकश की जा रही है, जिसमें लोग मोटी रकम चुका कर सीधा प्रसारण देख सकते हैं।
टेलीग्राम बना साइबर अपराधियों का अड्डा
टेलीग्राम पर पहले भी इस तरह के गंदे धंधे चलते रहे हैं, लेकिन इस बार महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन को निशाना बनाया गया है। ये अवैध ग्रुप्स गुप्त तरीके से संचालित किए जा रहे हैं, जहां हजारों ग्राहक जुड़े हुए हैं।
साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है:
“टेलीग्राम के सर्वर विदेशों में स्थित होने के कारण इसे ट्रेस करना मुश्किल होता है। अपराधी इसका फायदा उठाकर बिना किसी डर के अपनी हरकतें जारी रखते हैं।”
महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
इस शर्मनाक कृत्य ने महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता खड़ी कर दी है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन क्या उनकी निजता और मर्यादा सुरक्षित है?
एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं की निजता से जुड़े साइबर अपराधों में तेज़ी आई है। लेकिन इस तरह के मामलों में कार्रवाई अक्सर धीमी रहती है।
प्रशासन की नींद अभी तक नहीं टूटी
इस खुलासे के बावजूद अभी तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। प्रयागराज पुलिस और साइबर सेल को इस पर त्वरित संज्ञान लेने की जरूरत है ताकि ऐसे अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।
कुंभ की पवित्रता को बचाने की जरूरत
महाकुंभ करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। इस तरह के घिनौने कृत्य न सिर्फ महिलाओं की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं, बल्कि इस आयोजन की पवित्रता पर भी गहरा दाग लगाते हैं।
अब समय आ गया है कि सरकार, पुलिस और टेक्नोलॉजी कंपनियां मिलकर ठोस कदम उठाएं, ताकि भविष्य में कोई भी महिला इस तरह के साइबर अपराध का शिकार न बने।