देहरादून में अवैध प्लॉटिंग पर चला MDDA का बुलडोज़र – साईं मंदिर गली और मंझौल मार्ग बनी ‘हॉटस्पॉट’, 27 बीघा ज़मीन पर थी बेताज बादशाहत!

देहरादून, 5 जून 2025 |

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रियल एस्टेट माफिया और ज़मीन कब्जाधारियों के खिलाफ मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) की बड़ी कार्रवाई ने हड़कंप मचा दिया है। दो अलग-अलग इलाकों में कुल 27 बीघा ज़मीन पर अवैध प्लॉटिंग के नेटवर्क को ध्वस्त किया गया, जिनमें से एक क्षेत्र तो धार्मिक स्थल के बिल्कुल करीब पाया गया।


🚨 खरखेत-बीधौली मार्ग बना ‘प्लॉटिंग गैंग’ का नया ठिकाना!

MDDA अधिकारियों की छानबीन में खुलासा हुआ कि मंझौल मार्ग, खरखेत-बीधौली क्षेत्र में लगभग 07 बीघा भूमि पर बिना किसी अनुमति के अवैध कॉलोनी काटी जा रही थी। जांच में सामने आया कि इसमें न तो लेआउट प्लान स्वीकृत था और न ही किसी प्रकार की ज़ोनिंग प्रक्रिया का पालन किया गया था।

MDDA की टीम ने आज तड़के प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस बल के साथ वहां धावा बोला और प्लॉटिंग से संबंधित अवैध निर्माण को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई के दौरान कुछ लोग विरोध करते भी नज़र आए, लेकिन पुलिस की सख़्ती के आगे किसी की एक न चली।


बीधौली साईं मंदिर गली – 20 बीघा ज़मीन पर ‘गुप्त प्लॉटिंग’ का भंडाफोड़!

इससे भी चौंकाने वाली कार्रवाई बीधौली स्थित साईं मंदिर गली में हुई, जहां करीब 20 बीघा क्षेत्रफल में अवैध रूप से प्लॉटिंग और सीमांकन का काम चल रहा था। जब टीम पहुंची तो वहां पहले से ही कुछ निर्माण प्रारंभ हो चुके थे।

MDDA द्वारा मौके पर ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई, जिसमें कच्चे रास्ते, सीमाएं, अवैध बोर्ड और कुछ निर्माण पूरी तरह ज़मींदोज़ कर दिए गए। सूत्रों की मानें तो यह प्लॉटिंग कुछ स्थानीय रसूखदारों और बाहरी बिल्डर्स के गठजोड़ का हिस्सा थी, जो धार्मिक स्थल के नाम पर भोले-भाले लोगों को प्लॉट बेचने की योजना बना रहे थे।


MDDA की सख़्ती – अब नहीं चलेगी ‘मनमानी कॉलोनी’

MDDA के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने साफ़ शब्दों में कहा कि,

“किसी भी अवैध कॉलोनी को नहीं बख्शा जाएगा। ज़मीन मालिक हो या ब्रोकर – बिना अनुमति निर्माण अब सीधे ध्वस्तीकरण की ज़द में आएगा। जनता को भी चाहिए कि बिना वैध दस्तावेज़ों के प्लॉट ना खरीदें।”

उन्होंने बताया कि हाल ही में दर्जनों शिकायतें मिली थीं, जिनके आधार पर यह कार्रवाई की गई। आगे भी अन्य इलाकों में ऐसी ही छापेमारी और कार्रवाई जारी रहेगी।


⚠️ क्या है खतरा जनता को?

इस प्रकार की अवैध प्लॉटिंग में लोग सस्ते प्लॉट के लालच में ज़मीन खरीद तो लेते हैं, लेकिन बाद में न तो उन्हें रजिस्ट्री मिलती है, न नक्शा पास होता है, और अंत में MDDA की कार्रवाई में उनका प्लॉट ही ख़त्म हो जाता है। इसलिए प्रशासन की अपील है कि केवल प्राधिकृत कॉलोनियों से ही संपत्ति खरीदी जाए।


अब आगे क्या?

सूत्रों के अनुसार, जल्द ही राजपुर रोड, नंदा की चौकी और सहस्त्रधारा बेल्ट में भी ऐसी ही अवैध कॉलोनियों पर शिकंजा कसा जाएगा।
MDDA के इस तेज़ और साहसी एक्शन ने अवैध कॉलोनाइज़रों में खलबली मचा दी है, वहीं ईमानदार नागरिकों को राहत की सांस दी है।


📌 आम जनता के लिए चेतावनी:
यदि आपने भी हाल में सस्ते प्लॉट खरीदने की योजना बनाई है, तो सबसे पहले यह ज़रूर जांचें कि वह ज़मीन प्राधिकृत है या नहीं। वरना एक दिन बुलडोज़र आपके सपनों पर चल सकता है।

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