उत्तराखंड

24 घंटे में एक बार भी नहीं जले जंगल, वनाग्नि पांच साल का एक्शन प्लान मांगा

सभी रेंजों में एक-एक रेंजर तैनात हो। किसी भी रेंजर के पास डबल या ट्रिपल चार्ज ना रहे। जरूरी हो तो सीनियर एवं अनुभवी डिप्टी रेंजरों को प्रभारी रेंजर का चार्ज दिया जाए। शुक्रवार को विदेश से लौटते ही अपने आवास पर वनाग्नि को लेकर हुई समीक्षा बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने यह निर्देश दिए।

इस दौरान वन मंत्री उनियाल ने वनाग्नि नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए पांच वर्षीय स्टेट एक्शन प्लान बनाने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही इस प्लान में एआई, क्लाउड सीडिंग सहित तमाम आधुनिक तकनीकों को शामिल करने को भी कहा। उन्होंने चीड़ बहुल इलाकों में मिशन मोड पर पिरूल जमा करवाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए।

वनाग्नि की प्रभावी रोकथाम के लिए प्रत्येक वन अनुभाग स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने के साथ इसमें स्थानीय ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत के सदस्यों, वन पंचायतों के सरपंचों, महिला एवं युवा मंगल दलों को शामिल करने को भी कहा। इस बैठक में प्रमुख सचिव-वन आरके सुधांशु, पीसीसीएफ डॉ. धनंजय मोहन, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा एवं एपीसीसीएफ वनाग्नि निशांत वर्मा समेत कई अफसर मौजूद रहे।

केंद्र की टीम ने किया वनाग्नि वाले क्षेत्रों का निरीक्षण

देहरादून। केंद्र सरकार की मॉनिटरिंग टीम शुक्रवार को वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण को दून पहुंची। टीम ने वन विभाग के आला अधिकारियों के साथ मसूरी वन प्रभाग की रायपुर रेंज के रिंगालगढ़, धनोल्टी में वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। मालसी में बने मॉडल क्रू स्टेशन को भी देखा। इस टीम में एपीसीसीएफ वनाग्नि निशांत वर्मा, आईसीएफआरए की डीजी कंचन, आईआरओ संतोष तिवारी, एडीजी अंजन मोहन, वन संरक्षक कहकशां नसीम, डीएफओ अमित कुंवर, एसडीओ उदय गौड़ और रेंजर राकेश नेगी मौजूद रहे।

जंगल में 24 घंटे में आग की कोई घटना दर्ज नहीं
देहरादून। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में हुई बारिश और मौसम बदलाव ने वन विभाग ने शुक्रवार को राहत दी। इस दौरान प्रदेश में कहीं भी जंगल में आग की कोई घटना नहीं हुई। प्रदेश में बुधवार शाम से ही बारिश शुरू हो गई थी। जिससे आग पर काबू है।

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