नई दिल्ली/वॉशिंगटन – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर एक बड़ा आर्थिक झटका देने का ऐलान किया है। उन्होंने घोषणा की है कि 2 अप्रैल 2025 से भारत पर कड़े व्यापारिक टैरिफ लगाए जाएंगे। इस फैसले से दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में बड़ा तनाव आने की आशंका जताई जा रही है। ट्रंप ने आरोप लगाया है कि भारत अमेरिका के उत्पादों पर अत्यधिक शुल्क लगाता है, जिससे अमेरिकी उद्योगों को नुकसान हो रहा है। अब अमेरिका भी जवाबी हमला करेगा।
“अब बर्दाश्त नहीं करेंगे!” – ट्रंप का कड़ा बयान
ट्रंप ने अपने भाषण में भारत का जिक्र करते हुए कहा, “भारत हमसे 100% तक टैरिफ वसूलता है। यह अनुचित है। अब अमेरिका भी वैसा ही करेगा।” उन्होंने कहा कि यह फैसला अमेरिकी व्यापार को बचाने के लिए लिया गया है। उनके अनुसार, अमेरिका लंबे समय से व्यापार घाटा झेल रहा है और अब इसे संतुलित करने का समय आ गया है। ट्रंप का यह ऐलान भारत, चीन और अन्य देशों पर लागू होगा, जो अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा शुल्क लगाते हैं।
भारत-अमेरिका व्यापार युद्ध की आहट
ट्रंप के इस फैसले से भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में नई दरार पड़ने की आशंका है। भारत अमेरिका के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है, लेकिन इस फैसले के बाद कई भारतीय उत्पाद महंगे हो सकते हैं। भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात, जैसे स्टील, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी सेक्टर पर इसका गहरा असर पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह टैरिफ लागू होता है, तो भारतीय कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी और इससे अमेरिका में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता घट सकती है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर
1. आईटी और टेक कंपनियां प्रभावित – भारत की आईटी इंडस्ट्री, जो अमेरिका से बड़ी मात्रा में व्यापार करती है, इस टैरिफ से नुकसान झेल सकती है।
2. ऑटोमोबाइल सेक्टर को झटका – अमेरिका से ऑटो पार्ट्स के आयात पर टैरिफ बढ़ने से भारतीय कार निर्माता कंपनियों की लागत बढ़ सकती है।
3. स्टील और फार्मा सेक्टर पर असर – स्टील और दवा उद्योग, जो अमेरिका को बड़े पैमाने पर निर्यात करते हैं, उनकी बिक्री घट सकती है।
भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार
भारत सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह मुद्दा दोनों देशों के रिश्तों में तनाव ला सकता है। भारत पहले भी अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का विरोध कर चुका है और अब देखना होगा कि मोदी सरकार इसका किस तरह जवाब देती है।
क्या यह ट्रेड वॉर की शुरुआत है?
अमेरिका के इस कदम को विशेषज्ञ एक नए “ट्रेड वॉर” की शुरुआत मान रहे हैं। पहले अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध देखा गया था, जिसने वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मचा दी थी। अब भारत के खिलाफ यह नया टैरिफ विवाद वैश्विक व्यापार पर असर डाल सकता है।
क्या भारत देगा जवाबी झटका?
कुछ जानकारों का मानना है कि भारत भी अमेरिका से आयात होने वाले उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगा सकता है। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक टकराव और गहरा सकता है।
आगे क्या होगा?
अब दुनिया की नजर भारत की प्रतिक्रिया पर टिकी है। अगर भारत इस फैसले के खिलाफ कड़े कदम उठाता है, तो यह विवाद और बढ़ सकता है। वहीं, अमेरिकी चुनावों के मद्देनजर ट्रंप का यह कदम उन्हें घरेलू उद्योगों को खुश करने के लिए उठाया गया एक राजनीतिक निर्णय भी माना जा रहा है।
ट्रंप की इस घोषणा के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार इस झटके का क्या जवाब देती है और क्या दोनों देश किसी समझौते पर पहुंच पाते हैं या फिर एक नए व्यापार युद्ध की शुरुआत होती है।