मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भराड़ीसैंण में करेंगे योग, झीलों-नदियों से होगा लाइव प्रसारण
21 जून को 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस इस बार उत्तराखंड के लिए कुछ खास होने जा रहा है। प्रदेश सरकार ने राज्य स्तरीय योग दिवस कार्यक्रम के आयोजन स्थल के तौर पर इस बार ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को चुना है, और यही नहीं—इस ऐतिहासिक आयोजन में दस देशों के राजदूतों को भी आमंत्रित किया गया है! यह पहला मौका है जब गैरसैंण, जो अब तक राजनीतिक चर्चा का केंद्र रहा है, योग और विश्वबंधुत्व का केंद्र बनने जा रहा है।
भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में होगा आयोजन, तैयारियाँ शुरू
गैरसैंण स्थित भराड़ीसैंण विधानसभा भवन परिसर को भव्य योग आयोजन के लिए सजाया जा रहा है। आयुष विभाग ने कार्यक्रम की कमान संभाल ली है और तैयारियाँ तेज़ी से चल रही हैं। सचिव आयुष दीपेंद्र चौधरी के मुताबिक, यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं होगा, बल्कि यह प्राकृतिक परिवेश में योग और आत्म-संयम की वास्तविक भावना को जागृत करने वाला एक जीवंत अनुभव बनेगा।
योग दिवस से डेढ़ माह पहले शुरू हुए अभियान
योग को जन-जन तक पहुँचाने के लिए राज्यभर में डेढ़ माह पहले से ही विशेष अभियान चलाया जा रहा है। स्कूलों में चित्रकला प्रतियोगिताएं, गांव-गांव में योग शिविर, और नदियों-झीलों के किनारे प्राकृतिक योग सत्रों के लाइव प्रसारण – यह सब मिलकर इस बार के योग दिवस को यादगार बना रहे हैं।
हर जिले में बन रहा ‘योग पार्क’, सुबह-शाम अभ्यास की सुविधा
योग को स्थायी जीवनशैली में ढालने की दिशा में एक अनोखी पहल की गई है। आयुष मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार राज्य के प्रत्येक जिले में ‘योग पार्क’ विकसित किए जा रहे हैं। इन पार्कों में स्थानीय लोग नियमित रूप से सुबह और शाम योगाभ्यास कर सकेंगे। इससे न केवल योग दिवस की सार्थकता बढ़ेगी, बल्कि यह लोगों के जीवन में स्थायी परिवर्तन भी लाएगा।
मुख्यमंत्री स्वयं करेंगे योग, दुनिया को मिलेगा संदेश
21 जून को आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं योगासन करते हुए लोगों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का संदेश देंगे। यह दृश्य जब भारत के पर्वतीय हृदय – गैरसैंण – से विश्व तक प्रसारित होगा, तो यह केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की योग परंपरा की वैश्विक पुनःस्थापना का प्रतीक होगा।
10 देशों के राजदूत होंगे साक्षी
इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए भारत में तैनात 10 देशों के राजदूतों को विशेष निमंत्रण भेजा गया है। उनकी उपस्थिति न केवल आयोजन की गरिमा को बढ़ाएगी, बल्कि उत्तराखंड को वैश्विक योग पर्यटन मानचित्र पर भी उभारने का कार्य करेगी।
गैरसैंण – अब केवल राजधानी नहीं, ‘योग की तपोभूमि’ भी बनेगा!
गैरसैंण का यह अवतार निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में उसे राजनीतिक और आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टियों से केंद्रीय स्थान दिलाने वाला है। प्राकृतिक सौंदर्य, पहाड़ों की शुद्ध वायु और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण यह क्षेत्र अब योग साधकों, पर्यटकों और आध्यात्मिक जिज्ञासुओं के लिए नई प्रेरणा स्थली बनने जा रहा है।