विधानसभा में गालीबाजी पर स्पीकर देवनानी हुए सख्त, धारीवाल को चेतावनी देकर सुनाई ये सजा
राजस्थान विधानसभा में गालीबाज़ी प्रकरण में मंगलवार को कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल की सजा तय हो गई। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने धारीवाल को चेतावनी देते 2 दिन सदन की कार्यवाही में शामिल होने से रोक लगा दी।प्रकरण में सरकारी मुख्य सचिव जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि ऐसे शब्द जिन्हें अपनी बहन बेटी के सामने नहीं बोल सकते उन्हें बोलते वक्त विचार करना चाहिए। गर्ग ने कहा कि यह उनकी पहली गलती नहीं है, इनका पहले का ट्रैक रिकॉर्ड भी ऐसा ही रहा है।
उन्होंने कभी मेरी बात का बुरा नहीं माना। उस दिन उन्होंने मुझे बोलने से रोका तो मुझे लगा कि संदीप आसन पर नहीं मेरे सामने बैठे हैं। तब इस प्रकार के शब्द मेरे मुंह से निकल गए। धारीवाल ने कहा कि मैं खुद मानकर चलता हूं कि मेरी गलती थी। स्वीकार करता हूं, लेकिन वह बात मजाक में थी। उन्होंने कहा कि सदन में उत्तेजना से भी बात होती है। मजाक में भी बात होती है और भावावेश से भी बात होती है। धारीवाल बोले कि संदीप ने मेरी किसी बात का बुरा नहीं माना होगा और यदि उन्हें बुरा लगा हो तो मैं 50 बार माफी मांगता हूं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अब संदीप से नहीं जो बात सदन में बोली उसके लिए माफी मांगें।धारीवाल ने कहा जो मेरे द्वारा कहा गया उस बात के लिए मैं खेद प्रकट करता हूं। सदन से माफी मांगता हूं और खेद प्रकट करता हूं।
परेशान हैं तो घर पर बैठिए
देवनानी ने कहा कि विधानसभा की प्रतिष्ठा मर्यादा को ठेस पहुंची है। आपको सदन की परंपराओं नियमों का ज्ञान है। आप संसदीय मंत्री रहे हैं। सदन की मान मर्यादा भूल कर ऐसे शब्द बोले, ये हम सब के लिए लोकतंत्र के लिए शर्मनाक चिंतनीय है। पीड़ादायक भी है। परेशान हैं तो घर पर बैठिए सदन में परेशानी में बोलने की आवश्यकता नहीं है। व्यवहार और स्वास्थ्य ठीक नहीं था तो आवश्यक नहीं है कि मुंह से ऐसे शब्द निकले। देवनानी आगे बोले कि ये कार्यवाहीचैनल पर चली तब पूरे सदन की ओर राजस्थान विधानसभा की प्रतिष्ठा मर्यादा को ठेस पहुंची। उन्होंने कहा कि माफ करने से, माफी मांगने से कम नहीं हो सकती। यह हमारे लिए संपूर्ण राजस्थान में पूरा देश देख रहा है। मान मर्यादा और विधानसभा की छवि पर गंभीर असर हुआ है। इसलिए आज मेरी अंतिम चेतावनी है। कड़ी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। देवनानी बोले मेरी मंशा थी कि ऐसे आचरण के बाद 4 साल तक सदन की सदस्यता रहने का हक नहीं है, लेकिन सदस्यों से चर्चा के बाद सदस्य आज और कल सदन में आएंगे।